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नेपाल में क्या चल रहा है? Gen-Z आंदोलन से सरकार तक गिर गई

 

नेपाल में क्या चल रहा है? Gen-Z आंदोलन से सरकार तक गिर गई

नेपाल इस समय एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है। जिस देश ने पिछले कुछ दशकों में राजशाही से लोकतंत्र तक का सफ़र तय किया, वही अब फिर से राजनीतिक और सामाजिक संकट में डूब गया है। युवाओं द्वारा शुरू किया गया आंदोलन इतना व्यापक हो गया कि प्रधानमंत्री तक को इस्तीफ़ा देना पड़ा।

तो आखिर नेपाल में हो क्या रहा है? आइए विस्तार से जानते हैं।


📌 आंदोलन की शुरुआत – Gen-Z की आवाज़

नेपाल में यह आंदोलन अचानक नहीं हुआ।

  • लंबे समय से देश में भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और नेताओं की अकर्मण्यता को लेकर असंतोष था।

  • जब सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की, तब यह असंतोष गुस्से में बदल गया।

  • डिजिटल युग की पीढ़ी, यानी Gen-Z, इसे बर्दाश्त नहीं कर सकी और सोशल मीडिया पर ही विरोध की शुरुआत हुई।

  • देखते ही देखते ये आवाज़ सड़कों तक पहुंच गई और लाखों युवा राजधानी काठमांडू सहित कई शहरों में इकट्ठा हो गए।


🔥 हिंसक मोड़ – संसद से होटल तक जल उठा

आंदोलन का स्वरूप शांतिपूर्ण नहीं रह सका।

  • प्रदर्शनकारियों ने कई जगह आगजनी और तोड़फोड़ की।

  • संसद भवन, राजनीतिक नेताओं के घर, यहाँ तक कि लक्ज़री होटल जैसे हिल्टन और हयात रीजेंसी भी इसकी चपेट में आए।

  • पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,300 से अधिक घायल हुए हैं।

इतिहास गवाह है कि नेपाल कई बार बड़े राजनीतिक आंदोलनों का गवाह बना है, लेकिन इस बार हालात और भी नाजुक हैं क्योंकि इसमें सबसे ज़्यादा सक्रिय युवा वर्ग है।


👤 पीएम ओली को इस्तीफ़ा देना पड़ा

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पहले से ही आलोचनाओं के घेरे में थे।

  • आंदोलन बढ़ने के बाद उन पर इस्तीफ़े का दबाव लगातार बढ़ता गया।

  • आखिरकार हालात बेकाबू होने पर ओली को अपना पद छोड़ना पड़ा।

  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्तीफ़े के बाद भी वे सुरक्षा कारणों से एक स्थान पर स्थायी रूप से नहीं रह पा रहे हैं।

यह कदम इस बात का संकेत है कि आंदोलन ने सिर्फ़ सड़कों पर ही नहीं, बल्कि सत्ता के गलियारों तक अपनी गूंज पहुंचा दी है।


⚔️ नेपाली सेना की भूमिका

जब हालात बिगड़े, तब नेपाली सेना को आगे आना पड़ा।

  • सेना ने राजधानी काठमांडू में कई इलाकों में सुरक्षा का जिम्मा लिया।

  • प्रदर्शनकारियों और नेताओं के बीच मध्यस्थता कर अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू की।

  • प्रदर्शनकारियों ने पूर्व चीफ़ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम नेता बनाने का प्रस्ताव दिया है।

सेना की भूमिका यहां निर्णायक है क्योंकि अगर सही समाधान नहीं निकला, तो नेपाल लंबे समय तक अस्थिर रह सकता है।


🚨 जेल ब्रेक – 13,500 कैदी भागे

इस पूरे संकट का सबसे चौंकाने वाला पहलू है जेल से सामूहिक भागदौड़।

  • देशभर की जेलों से 13,500 से अधिक कैदी भाग निकले

  • इनमें से कई कैदी गंभीर अपराधों में लिप्त थे और कुछ भारत में भी वांटेड बताए जा रहे हैं।

  • भारत-नेपाल सीमा पर तुरंत अलर्ट जारी कर दिया गया और कई सीमाएं सील कर दी गईं।

यह घटना बताती है कि देश की कानून-व्यवस्था लगभग ठप हो चुकी है।


🌍 पड़ोसी देशों पर असर

नेपाल के हालात का असर सीधे भारत और अन्य पड़ोसी देशों पर भी पड़ा है।

  • भारत-नेपाल सीमा कई जगहों पर बंद कर दी गई है। खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश से लगी सीमाओं पर सख़्ती बढ़ा दी गई है।

  • ओडिशा के कंद्रपाड़ा जिले से गए 1,000 से अधिक प्लंबर नेपाल में फंसे हुए हैं, क्योंकि निर्माण कार्य और यातायात बंद हो गया है।

  • पर्यटन, जो नेपाल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, पूरी तरह प्रभावित हो चुका है।

इस संकट का सीधा असर नेपाल की अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर पड़ा है।


नेपाल में क्या चल रहा है? Gen-Z आंदोलन से सरकार तक गिर गई


🕯️ पीड़ित परिवारों की लड़ाई

सिर्फ़ राजनीति ही नहीं, यह आंदोलन आम लोगों की ज़िंदगी पर भी गहरी चोट कर रहा है।

  • जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया, वे लगातार न्याय और मुआवज़े की मांग कर रहे हैं।

  • काठमांडू और अन्य शहरों में कैंडल मार्च और शांति प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।

  • सोशल मीडिया पर भी #JusticeForNepal ट्रेंड कर रहा है।


📊 नेपाल की मौजूदा स्थिति – ए
क नज़र

  • मृतक: 34+

  • घायल: 1,300+

  • भागे कैदी: 13,500+

  • सीमा स्थिति: भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट, कई जगह सील

  • राजनीति: पीएम ओली का इस्तीफ़ा, अंतरिम नेता पर बातचीत जारी

  • प्रदर्शनकारी मांग: भ्रष्टाचार खत्म हो, सोशल मीडिया बैन न हो, नई पारदर्शी सरकार बने

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